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रंगपंचमी पर महाकाल के दरबार में बिखरेगा टेसू के फूलों का रंग
तीन क्विंटल फूलों से तैयार किया जाएगा रंग
उज्जैन।धूलेंडी के बाद अब भगवान महाकाल के दरबार में रंग-रंगीली पंचमी का आयोजन होगा। राजाधिराज भगवान महाकाल टेसू के फूलों से बने रंग से होली खेलेंगे। रंगोत्सव के लिए तीन क्विंटल टेसू के फूल मंगवाए गए हैं। सोमवार से मंदिर परिसर में फूलों से रंग तैयार किया जाएगा। मंगलवार को भस्म आरती में परंपरा के रंग बिखरेंगे।
महाकाल मंदिर में रंगपंचमी पर रंग की अपनी परंपरा है और भगवान महाकाल फूलों के प्राकृतिक रंग से होली खेलते हैं। हर बार की तरह इस बार भी बड़ी मात्रा फूल मंगवाए गए हैं।
मंदिर में पुजारी दिलीप गुरु के मार्गदर्शन में सोमवार से रंग तैयार करने का कार्य प्रारंभ होगा। इस रंग में प्राकृतिक सुगंधित द्रव्य का मिश्रण भी किया जाएगा। मंगलवार तड़के चार बजे भस्म आरती में इसी प्राकृतिक सुगंधित रंग से भगवान के साथ होली खेली जाएगी। दर्शनार्थी भी भक्ति के रंग में सराबोर होंगे।
अवकाश के चलते उमड़े श्रद्धालु, शहर के प्रमुख मंदिरों में भी उमड़ी भीड़
कोविड को लेकर हालात में सुधार और तमाम पाबंदी खत्म होने के साथ ही लगातार अवकाश के चलते बड़ी संख्या में पर्यटक उज्जैन पहुंच रहे हैं। इस का सबसे अधिक असर महाकाल मंदिर में नजर आ रहा हैं। शनिवार-रविवार के बाद मंगलवार को रंगपंचमी का अवकाश हैं। उत्तर भारत के अधिकांश प्रांतो में होली का उत्सव पंचमी तक चलता है।
वहीं रंग पंचमी का अवकाश भी रहता हैं। यहीं कारण है कि अनेक प्रांत और जिलों से श्रद्धालुओं और पर्यटकों का आगमन उज्जैन हो रहा हैं। महाकाल मंदिर के साथ शहर के अनेक प्रमुख मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालु उमड़ रहे हैं।